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आमेर। रोहन शर्मा। जहाँ पानी की एक बूद भी नही और देश भर के सैलानी पर्यटक आमेर के मावठे को भी देखने आते है पर जिम्मेदार लोगो ने ही इसे सूखा दिया। और लोगो को भर्मित करने के लिए प्रशासन ने वहा बोर्ड लगाकर चेतावनिया लिख दी है- सूखे तालाब में मगरमच्छ । प्रशासन ने चेतावनी के बोर्ड लगा रखे है और शिलापटटी पर लिखा है कि मावठा जलाशय में मगरमच्छ है अत: आप सभी से निवेदन है कि मावठे मे उतरना प्रतिबंधित है। जबकि सच्चाई यह है कि यहा मगरमच्छ तो 2-3 सााल पहले देखा गया था पर अब मगरमच्छ तो दूर मछलिया भी नही है ।
विदेशी पर्यटक को लगता है मजाक
मावठे की एक शिलापटट पर लिखा है कि पानी कि गहराई अधिक है अत: पानी में नहाना और उतरना मना है पर विदेशी पर्यटक को लगता है मजाक क्योकि यहा चुल्लुभर भी पानी नही है हादसा कैसे होगा।
सरोवर के हालात है चिंताजनक
जैसे-जैसे गर्मी की तीव्रता तेज होती जा रही है वैसे वैसे ही इस मावठा सरोवर का पानी पूरा खत्म होता जा रहा है। आमेर का किला राजस्थान में ही नहीं और पूरे देश में प्रसिद्ध है. जयपुर आने वाले पर्यटकों के लिए यह खास पर्यटन स्थल है. वैसे आमेर को विदेशी पर्यटक का गढ माना जाता है चाहे गर्मी हो ,सर्दी या बारिश हो हमेशा विदेशी सैलानी यहॉं के महल और राजाओं की विरासत को देखने आते है। और सभी विदेशी पर्यटक आमेर की प्रचलित हाथी सवारी का भी आन्नद लेते है। परन्तु अब इस मावठा सरोवर का पानी इतना खराब होता जा रहा है जो मछलियां थी वह मर चुकी है शहर के स्थानीय लोग इसमें कचरा भी डालते हैं और इस कचरे और मछलियों के मरे होने के कारण यह पानी इतना दूषित होता जा रहा है। कि जो विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं वह भी दूर-दूर से इस मावठा सरोवर के पास नही जा पाते हैं परन्तु
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