चाकसू (निस) नगरपालिका चाकसू कार्यालय परिसरमे पिछले तीन दिन से एक पिंजरे में लगभग आधा दर्जन सुवर भूखे- प्यासे बंद पडे है।नगरपालिका में इस हालत का कोई संतोष जनक जवाब देने वाला नही मिला।नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी से इस संबंध मे बात करने का प्रयास किया लेकिन कोई उत्तर नही मिला। पकडे गए लोहे के पिंजरे बंद सुवरो की हालत भूख प्यास के चलते धीरे धीरे खराब होती जा रही है।बडे सुवरो के तो पैर तक बंधे पडे है जिससे हिल डुल भी नही सकते।पशु क्रूरता का इससे बडा कोई उदाहरण चाकसू मे नही मिलेगा।कर्मचारियों या अधिकारियों को इन निरीह जानवरो को इस हालत मे देखकर दिल भी नही पसीजा यह कैसी मानवता है?
ताज्जुब यह हो रहा है कि कस्बे मे तीन चार हरिजन बस्तियों हैं लगभग सभी लोग सुवर पालते है।लेकिन इन परिवारो मे से कोई भी परिवार इनको कैद से मुक्त करवाने अभी तक नही आया। नगरपालिका सफाई निरीक्षक तरुण कुमार से बात की तो उन्होंने अवकास पर होने की बात कही। वही नगरपालिका के जमादार जीतु ने बताया कि नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी ब्रजेश गोयल के आदेश से ही इन आवारा सुवरो को पकडा गया था ।इनका अब क्या करना है कोई निर्देश नही मिले है।
जब इस मामले में अधिशाषी अधिकारी ब्रजेश गोयल से इस मामले में ऑफिस जाकर बात करना चाही तो वो ऑफिस से नदारद मिले। इसके बाद उनसे फ़ोन पर बात करना चाहा लड़के ने ये कहते हुए फोन काट दिया की पापा गाड़ी चला रहे हैं बाद में बात करना।
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