राजस्थान का नाम लेते ही , यहां की कला संस्कृति परंपरा रीति-रिवाज की झलकियां जहन में आ जाती है. लेकिन अब धीरे-धीरे आधुनिकरण के बीच राजस्थान की कला संस्कृतियां लुप्त होने लगी है. इसी लुप्त होती राजस्थानी विरासत , कला संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा की जरूरत है , इसी राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए गुलाबी नगरी जयपुर में मान-द वैल्यू फाउंडेशन की ओर से आयोजित हुए तीन दिवसीय गैलोर - 2019 राजस्थानी संस्कृति की झलकियां कार्यक्रम में जोधपुर से आई सीमा राठौड़ ने प्रतिभागियों को घूमर व अन्य लोक नृत्यों के बारे में बताया और उस में पहने जाने वाले पहनावे से अवगत करवाया ।वर्कशॉप में पहले दिन राजस्थानी कला -संस्कृति ,रीति-रिवाज इतिहास व पहनावे पर महेंद्र कुमारी बस्सी जी के द्वारा प्रकाश डाला गया ।वर्कशॉप के दूसरे दिन चिरमी ,घूमर ,केसरिया बालम,पधारो म्हारे देस , ढूसो बाजे सा ,आदि लोकगीतों पर नृत्य घूमर नृत्य सिखाया गया ।वर्कशॉप की संचालिका मनीषा सिंह ने बताया कि वर्कशॉप में 4 वर्ष से 70 वर्ष तक के प्रतिभागी रहे ।सभी का उत्साह देखने लायक था ।वर्कशॉप के तीसरे दिन सीखे गए नृत्यों का अलग-अलग समूहों में प्रदर्शन किया गया ।रंग बिरंगी पोशाकों में सजे-धजे सभी प्रतिभागी बहुत ही मनमोहक दिखाई दे रहे थे ।कार्यक्रम में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने के लिए पदम श्री गुलाब जी ,पर्यटन विभाग से अजय शर्मा ,जी ज्योति जी ,हैशटैग ब््लंट से मनीषा पंडेल जी , महल रजवाड़ा से शेखावत जी उपस्थित रहे ।प्रस्तुतियों में बेस्ट दो प्रस्तुतियों को मोमेंटो और सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देकर पदम श्री गुलाब जी और
सीमा राठौर द्वारा प्रोत्साहित किया गया ।मान फाउंडेशन की पूरी टीम प्रियंका राठौड़ ,श्श्रेयांशी सिंह , भाग्यश्री राजीवत,श्वेता राठौड़ ,कोमल चौहान ,संचिता प्रजापत ने कार्यक्रम को संचालित किया । श्री गणगौर स्वीट्स ,होटल महल रजवाड़ा ,दीप्ति फाउंडेशन ,हेशटेग ब्लंट सलून ,ट्रांसइवंट कोमल चौहान को फ़ाउंडेशन की प्रेसिडेंट ललिता प्रजापत ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।मनीषा सिंह जी ने बताया मान द वैल्यू फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर सामाजिक कार्यों के साथ राजस्थानी कला ,संस्कृति ,विरासत ,इतिहास ,पहनावा ,रिति रिवाज आदि के संरक्षण व संवर्धन के लिए कई कार्यक्रम आयो आयोजित किए जाते हैं ।अगला कार्यक्रम गैलोर - 2019 सितंबर माह में किया जाएगा।
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