शाहपुरा इलाके में गत दो दिनों से गायों की मौत होने का सिलसिला जारी है। क्षेत्र में अब तक दो दिन में करीब आधा दर्जन गाये अकाल मौत के मुंह में जा चुकी है। प्रारंभिक तौर पर पॉलीथिन का सेवन मौत का कारण बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार शाहपुरा के बिदारा और आस पास के क्षेत्र में गत दो दिन से गायों की मौत हो रही है। सोमवार को भी बिदारा में गाये मृत अवस्था मे पड़ी थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पशु चिकित्सक को दी। इस पर पशु चिकित्सक प्रह्लाद सहाय, रणवीर सेवा समिति के जिलाध्यक्ष विजय चौहान, समिति के ब्लॉक अध्यक्ष धर्मपाल यादव, मीडिया प्रभारी संतोष कुमार व अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। पशु चिकित्सक ने मृत गाय का पोस्टमार्टम किया। समिति अध्यक्ष विजय चौहान ने बताया कि गायों के पेट से पॉलीथिन और अपशिष्ट पदार्थ मिला है। इससे संभावना है कि गायों की मौत पॉलीथिन के सेवन से ही हुई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जगह-जगह पॉलीथिन बिखरी पड़ी रहती है। कचरे के ढेर में भी मवेशी मुंह मारते रहते है। प्रशासन को कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। गायों की मौत से स्थानीय ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रशासन की अनदेखी से क्षेत्र में धड़ल्ले से पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है तथा कचरे में पड़ी पॉलीथिन का सेवन करने से इन गायों की मौत हुई है।
सिर्फ दिखावे की कार्रवाई ....................
सरकार द्वारा पॉलीथिन के उपयोग पर बैन के बाद शाहपुरा क्षेत्र में यदा कदा ही पॉलीथिन जब्ती की कार्रवाई की जाती है। वह भी सिर्फ दिखावा और कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के लिए होती है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा पॉलीथिन जब्ती की कार्रवाई सिर्फ छोटे दुकानदारों पर ही की जाती है जबकि बड़े व्यपारियों पर हाथ डालने से वे कतराते है। क्षेत्र में धड़ल्ले से पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है सब कुछ जानकर भी प्रशासन अपनी आंखें मूंदे बैठा है।
कूड़े के ढेर में प्लास्टिक की मात्रा अधिक ............................
शहर में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। जिसमे लोगो द्वारा फैंके गए कचरे के साथ प्लास्टिक व प्रतिबंधित पॉलीथीन अधिक पड़ी रहती है। गाय कूड़े के पड़े ढेर से जो भी चीज खाती है उसी के साथ पॉलीथिन भी उसके पेट में चली जाती है। यही उसकी मौत का कारण बनती है।
डंपिंग यार्ड का अभाव पड़ रहा भारी ...........................
शाहपुरा क्षेत्र में एकत्रित कचरे के निस्तारण की अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होना स्थानीय लोगों के साथ मवेशियों पर भी भारी पड़ रहा है। पालिका प्रशासन की और से बिदारा मोड़ के पास अस्थाई डंपिंग यार्ड बना हुआ है। लेकिन यहां बरती जाने वाली लापरवाही मवेशियों की जान सांसत में डाल रही है। यहां पालिका प्रशासन की ओर से डाले गए कचरे में दिन भर आवारा मवेशी मुहं मारते रहते है । और पॉलीथिन उनके पेट मे जा रही है। जो कि उनके लिए प्राण घातक साबित हो रही है। डंप यार्ड की चार दीवारी नहीं बनाने का खामियाजा इन दिनों आवारा पशुओं को अपनी जान गंवा कर चुकाना पड़ रहा है। खाने की चाह में आवारा पशु इस डंप यार्ड में बिखरे कचरे पर मंडराते रहते हैं और पॉलीथिन में जमा कचरे को खाकर अपना जीवन बसर करती है। वहीं पॉलीथिन खाने के साथ ही गायों की अकाल की मौत हो जाती है। आवारा पशुओं के मौत का अंदेशा वहां बिखरे आवारा पशुओं के कंकाल से पता लगाया जा सकता है।
इनका कहना है .............
मृत गाय का पोस्टमार्टम किया था जिसमे पॉलीथिन व अपशिष्ट मिला है।
डॉ. प्रहलाद सहाय रैगर, नोडल पशु चिकित्सा प्रभारी
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