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अजमेर में छूटेंगे कई नेताओं के पसीने, चुनाव में यूं करना पड़ेगा जोड़-तोड़


अजमेर (दिलीप तम्बोली)। राज्य सरकार की ओर से जारी नई अधिसूचना के अनुसार अजमेर शहर में अब वार्डो की संख्या 60 से बढकऱ 80 हो जाएगी। वार्डों के इस परिसीमन से कई जहां राजनीति में भविष्य तलाश रहे नए युवाओं को पार्षद का चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा वहीं कई दिग्गजों की सियासी जमीन खिसेगी। मतदाता बदल जाने से कई मौजूदा पार्षदों या दावेदारों को दूसरे वार्ड में नए सिरे से जाजम बिछानी पड़ सकती है।
पैराफेरी गांवों को जोडऩा रहेगी चुनौती
शहर में अब 20 नए वार्ड होंगे। राजनीतिज्ञों का मानना है कि परिसीमन में अगर पैराफेरी गांवों को जोड़ा जाता है तो शहर के मौजूदा वार्डों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन पैराफेरी गांवों को जोडऩा प्रशासन के लिए चुनौती रहेगी। पिछली बार भी पैराफेरी गांवों को जोडऩे का प्रयास किया गया था लेकिन सफलता नहीं मिल पाई।
विकास को मिलेगा बढ़ावा
वार्डों की संख्या बढऩे से बड़े वार्डों का एरिया कम होगा होगा इससे शहर के विकास को गति मिलेगी। अब तक कई पार्षद विकास कार्य करवाने के बजाय अपने वार्ड के बड़े होने के कारण सम्पूर्ण विकास नहीं करवा पाने का रोना रोते रहते हैं। अब वार्ड समान होंगे।
इनका रखना होगा ध्यान
जारी निर्देशों के अनुसार वार्डों की सीमाएं जहां तक संभव हो सडक़ या गली के आधार पर निर्धारित की जाएं और यदि इससे वार्ड का अनुपात बिगड़ता हो तो वार्ड रेखा काल्पनिक भी रखी जा सकती है। कोई भी क्षेत्र वार्ड में से नहीं छूटे। किसी वार्ड में कोई पॉकेट न बन जाए। एक ही मकान दो वार्डो में विभाजित नहीं हो। विधानसभा बाउंड्री को न तोड़ा जाए। दो विधानसभा क्षेत्रों के बाउंड्री को एक वार्ड न बनाया जाए। पूरा वार्ड एक थाने की सीमा में रहे।
एक वार्ड दो अलग अलग पुलिस थाने की सीमा में विभाजित नहीं हो। सम्पूर्ण वार्ड विकास प्राधिकरण/ विकास न्यास के साथ एक जोन में ही हो। पीएचईडी,पीडब्ल्यूडी एंव डिस्कॉम के क्षेत्राधिकार के साथ भी समानता रखी जाए। परिसीमन कार्य एवं वार्डों का आरक्षण पूर्ण करवाया जाना आवश्यक है।
मार्च 2015 में हुआ था परिसीमन
शहर में मार्च 2015 में वार्डो का परिसीमन हुआ था। तत्कालीन जिला कलक्टर के प्रस्ताव पर 5 वार्ड बढ़ाए गए थे। वार्डो की संख्या 55 से बढ़ाकर 60 की गई थी।
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