डॉक्टर डे स्पेशल स्टोरी.......
डॉ हरी सिंह का आज भी कोई सानी नहीं, चिकित्सा और राजनीति दोनों में कमाया नाम
किशनगढ़ रेनवाल। आज के युग में भगवान को तो किसी ने देखा नहीं, लेकिन पैसे से चिकित्सक या डॉक्टर को आज के युग का भगवान ही कहा जाता है । डॉक्टर्स डे के मौके पर हम आज रूबरू करा रहे हैं ऐसे ही डॉक्टर से जिन्होंने चिकित्सा और राजनीति दोनों में नाम कमाया और वे आज भी उतने ही सक्रिय है कि नौजवान चिकित्सक भी दांतों तले अंगुली दबा ले। ये हैं डॉक्टर हरिसिंह जिन्होंने अपने ज्ञान से राजस्थान का मान विदेशों में भी मनवाया। 6 जुलाई 1936 को झुंझुनू जिले के खेरू गांव में जन्मे डॉ हरिसिंह बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस करने के बाद वे राज्य के पहले एफ आर सी एस थे। यानी इंग्लैंड में रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जरी के फैलो थे, जो उस जमाने में चिकित्सा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए जाना जाता था । 1965 में वहां से पढ़ाई करके लौटे डॉक्टर हरिसिंह ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 1977 तक विभिन्न पदों पर काम किया और पूरे देश में सर्जरी विभाग में अपना लोहा मनवाया। 1977 में नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा तो यहां पर धमक कायम रही। फुलेरा से चार बार विधायक और सीकर से एक बार लोकसभा सदस्य रहे डॉक्टर हरिसिंह अब किसान समुदाय की बालिकाओं की शिक्षा के लिए आज भी प्रण प्राण से जुड़े हैं । नए चिकित्सकों के लिए प्रेरणा पुरुष है।
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