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उपखंड अधिकारी को आईएफडब्ल्यू जे नावा के पत्रकारों ने दिया ज्ञापन पत्रकारों के हितों पर किया जा रहा कुठाराघात असवैधानिक



















नावा सिटी। कमलेश पारीक। आईएफडब्ल्यू जे के नावा तहसील अध्यक्ष हितेश रारा ने बताया कि सोमवार को इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट राजस्थान के सदस्यों व पत्रकारों द्वारा राज्यपाल महोदय के नाम उपखंड अधिकारी नावा को ज्ञापन सौंपा गया ।
ज्ञापन विधानसभा में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण एवं प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में दिया गया।
ज्ञापन में बताया कि राज्य विधानसभा के वर्तमान बजट सत्र 2019 में पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करते हुए समाचार संकलन हेतु विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आपातकाल की तरह स्वेच्छाचारी व्यवस्था लागू की है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के हनन की तरह है इसमें पत्रकार दीर्घा और पत्रकार कक्ष में ही पत्रकारों के प्रवेश पत्र मान्य किए गए हैं  ।विधानसभा परिसर के अन्य स्थानों में आने जाने तथा समाचार संकलन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है ।साथ ही प्रवेश पत्र जारी करते समय भी पत्रकारों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया गया है। जिसमें बड़े तथा दैनिक समाचार पत्रों को प्राथमिकता देते हुए अधिकांश मझोले एवं लघु समाचार पत्रों व स्वतंत्र पत्रकारो को इससे वंचित रखा गया है ।राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिनियम 1994 की विभिन्न धाराओं व खंडों में स्पष्ट प्रावधान किया गया है ।कि सदन की कार्रवाई का ब्योरा जनसाधारण तक पहुंचना पत्रकार का प्रमुख कर्तव्य है ।उसमें कहीं उल्लेख नहीं है कि साप्ताहिक या छोटे अखबारों के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हो सकते हैं ।यहां विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों की बढ़ती संख्या को इंगित करते हुए प्रतिबंध व नई व्यवस्था लागू करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता  पर कुठाराघात जैसा है ।जबकि यह स्वतंत्रता भारतीय संविधान ने भारत के प्रत्येक नागरिक को दी है ।राजस्थान विधानसभा के गठन के समय से ही प्रथम विधानसभा अध्यक्ष नरोत्तम जोशी व द्वितीय विधानसभा अध्यक्ष निरंजन आर्य से लेकर इस नए आदेश के पूर्व तक यह परंपरा बनी रही है जिसमें पत्रकारों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया गया है और नहीं का कोई कानून पत्रकारिता में भेदभाव करता है अखबारों की तीन श्रेणियां मानी गई है बड़े ,मझोले तथा लघु तीनों के लिए एक ही समान अधिकार दायित्व और सम्मान आचार संहिता भारतीय प्रेस परिषद द्वारा लागू की गई है तो राजस्थान इस विषय में विशेष उदाहरण क्यों बनता जा रहा है ।
साथ ही निवेदन किया है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों पर लागू की गई इस तरह की भेदभाव पूर्ण एवं समीक्षा जारी व्यवस्था को तत्काल हटाकर पूर्व की तरह व्यवस्था लागू करने का आग्रह किया है।
इस मौके पर पत्रकार हितेश रारा ,महेंद्र पारीक, चंद्र प्रकाश शर्मा, श्याम सुंदर प्रजापत, अर्जुन राम मुंडोतिया ,दिनेश जैन, मनोज गंगवाल ,गोविंद सांभरिया, बाबूलाल शर्मा सहित कई पत्रकार व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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