विद्या भारती के तत्वावधान में मा. शिक्षा बोर्ड राजस्थान की 10 वीं व 12 वीं बोर्ड परीक्षा में कीर्तिमान स्थापित करने वाले 34 भैया बहिनों व उनके अभिभावकों तथा प्रधानाचार्यो को प्रतीक चिह्न व श्रीफल देकर बिड़ला आॅडिटोरियम में सम्मानित किया गया। इसमें गोरक्ष धाम, गऊ घाट, जिला-बांराके श्री श्री 108 पूज्य श्री निरंजन नाथ जी महाराज ने अपने आषीर्वचन में संस्कृति, भारतीयता व राष्ट्रीयता की भावना जगाने वाले विभिन्न प्रकल्पों के संचालन के लिए विद्या भारती को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए विष्वास जरूरी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा एवं पूर्व गृहमंत्री, राजस्थान सरकार श्री गुलाब चंद कटारिया ने सम्मानित होने वाले भैया बहिनों को शुभकामना देते हुए देश की संस्कृति व राष्ट्रीयता को बढ़ाने व नवनिर्माण के कार्यों के लिए विद्या भारती के योगदान की सराहना की। उन्होंने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार ने विद्यालयों व शिक्षा के स्तर को सुधारने की चुनौतियो का सामना कर इस कार्य को सफलता पूर्वक पूर्ण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक अजमेर एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री, राजस्थान सरकार श्री वासुदेव देवनानी ने नई पीढी के लिए शिक्षा के साथ संस्कार को आवष्यक बताते हुए विद्या भारती को एक अद्भुत संगठन बताया।
विषिष्ट अतिथि डाॅ. यषु शर्मा, सहायक लेखा नियंत्रक, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने संस्कार पूर्ण शिक्षा को आज के युग की महती आवश्यकता बताते हुए बोर्ड के श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के लिए सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों व अभिभावकों का आभार प्रकट किया।
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विष्वविद्यालय, लखनऊ के कुलाधिपति डाॅ. प्रकाश बरतूनिया ने मुख्य वक्ता के रुप में अपने उद्बोधन में विद्या भारती के उद्देष्य को बताते हुए राजनीति, समाजनीति व शिक्षा नीति को एक दूसरे का पूरक बताया। उन्होंने कहा कि देश व समाज की सेवा के लिए भावनात्मक रूप से तैयार रहने में ही जीवन की सार्थकता हैं
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